गर्भावस्था के आखिरी समय में जब गर्भवती की पानी की थैली फट जाती है, तो समझिए प्रसव का समय आ गया है। गर्भावस्था के दौरान पानी की थैली फटने को प्रसव के मुख्य लक्षणों में से एक माना जाता है। हालांकि, कभी-कभी गर्भवती महिला की समय से पहले पानी की थैली फट जाती है, जो चिंता का विषय हो सकता है। यह एक गंभीर समस्या न बन सके, इसके लिए जरूरी है सही जानकारी होना। इसलिए,मॉमजंक्शनके इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान पानी छूटने से संबंधित जरूरी विषयों पर चर्चा करेंगे। सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि आखिर पानी की थैली फटना है क्या।
सबसे पहले हम यह बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में पानी की थैली फटना क्या है।
गर्भावस्था के दौरान पानी की थैली फटना क्या है? | Pregnancy Me Pani Girna
गर्भकेअंदरभ्रूणएकझिल्लीदारद्रवसेभरेहुएथैले से घिरा होता है, जिसेएमनियोटिक थैलीकहा जाता है। यह थैली गर्भावस्था के दौरान बच्चे की रक्षा करती है। जबगर्भावस्था का अंतिम चरणकरीब आता है, तब यह द्रव ज्यादातर बच्चे का मूत्र होता है। जैसे ही यह एमनियोटिक थैली फटती है, तो गर्भाशय और योनि के माध्यम से यह तरल यानी एमनियोटिक फ्लूड बहने लगता है। वहीं, झिल्ली टूटने के साथ कुछ हार्मोन और रसायन भी बाहर निकलने लगते हैं, जो संकुचन शुरू करते हैं, इन संकुचनों को पानी निकलने के कुछ घंटों बाद महसूस किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान इसी तरल के निकलने को पानी की थैली फटना कहा जाता है(1)।
अब पढ़ें पानी की थैली फटने पर महसूस होने वाले लक्षण।
पानी की थैली फटने पर मुझे कैसा महसूस होगा?
आमतौर पर,प्रसव की शुरुआतमें झिल्ली टूटती है, जिसे पानी छूटना कहा जाता है। अगर यह पानी प्रसव शुरू होने से पहले छूट जाए, तो उसे झिल्ली का समय पूर्व टूटना यानी PROM (Premature Rupture Of Membrane) कहा जाता है(2)।जब पानी की थैली टूटती है, तोयोनि में तरल स्रावहोने जैसा महसूस हो सकता है।यह तरल मूत्र की तरह हल्का होता है। हालांकि, कई बार पानी की थैली बहुत हल्की-सी ही फटती है, जिसका पता चल पाना मुश्किल हो जाता है।
आइए, अब जानते हैं कि समय से पूर्व पानी की थैली फटने का क्या कारण हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान पानी की थैली फटने का क्या कारण है?
नीचे हम गर्भावस्था के दौरान पानी छूटने के कुछ कारणों के बारे में बता रहे हैं। जानिए, गर्भावस्था के दौरान पानी की थैली क्यों फटती है :
- जैसे ही गर्भावस्था का आखिरी समय आता है, तब एमनियोटिक थैली खुद से टूट जाती है और प्रसव पीड़ा शुरू होने लगती है। साथ ही योनि के रास्ते तरल पदार्थ बाहर निकलना शुरू हो जाता है(3)।
- किसी-किसी मामले में गर्भावस्था की अवधि पूरी होने से पहले ही (प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह से पहले) पानी की थैली फट जाती है। यहगर्भाशय, योनि या गर्भाशय ग्रीवा में संक्रमण होने के कारणहो सकता है। इसके अलावा, एमनियोटिक थैली में खिंचाव आने की वजह से भी पानी छूट सकता है।यह थैली में अत्यधिक तरल या एक से ज्यादा शिशु होने के कारण हो सकता है(2)।
- इन मामलों में ज्यादातर महिलाओं को पानी छूटने के 24 घंटे के भीतर प्रसव पीड़ा शुरू हो सकती है(2)।
- बात की जाए समय से पहले पानी छूटने की, तो ऐसा 7-12 प्रतिशत स्वस्थ गर्भवती महिलाओं में देखने को मिलता है(4)।
जानिए, किन्हें समय से पहले पानी छूटने की आशंका रहती है :
- जो महिलाएं धूम्रपान करती हों।
- जिन्हें पहले यौन संक्रमण हो चुका हो।
- जिन्हें पहले कभी समय पूर्व प्रसव हुआ हो।
- जिन्हें गर्भावस्था के दौरान योनि से रक्तस्राव हुआ हो।
आगे पढ़ें, पानी की थैली फट गई है या नहीं, इससे जानने के कुछ आसान तरीके।
मैंकैसेजानसकतीहूंकिमेरीपानीकीथैली फट गई है या नहीं?
कई गर्भवती महिला को यह पता ही नहीं चल पाता कि उनकी पानी की थैली फट चुकी है। खासतौर पर उन्हें, जो पहली बार मां बन रही हैं। अगर आपको अचानक योनि से तेज तरल बहाव महसूस हो, तो यह एमनियोटिक द्रव हो सकता है। आप इसकी पुष्टि नीचे बताए गए तरीकों से कर सकती हैं(5):
- यूरिन पास करके अपने मूत्राशय को खाली रखें।
- एक पैड पर रिसते हुए द्रव का नमूना लें। अगर यह पीले रंग का और दुर्गंध वाला है, तो यह पेशाब हो सकता है। वहीं, अगर यह रंगहीन और गंध रहित है, तो यह एमनियोटिक द्रव हो सकता है।अगर एमनियोटिक द्रव में मेकोनियम (Meconium) है, तो यह हल्के हरे रंग का हो सकता है।
- ऐसे में अपने निचले हिस्से यानी पेल्विक भाग को हाथ से दबाकर रखें (जैसे कीगल व्यायाम में किया जाता है)।अगर यह रिसाव रुक जाए, तो पेशाब हो सकता है।वहीं, अगर यह रिसाव तब भी न रुके, तो समझ लीजिए कि पानी छूट गया है।
- ज्यादातर पानी छूटने पर हल्की-सी स्पॉटिंग भी हो सकती है।
- पानी छूटने के बाद बुखार जैसा महसूस हो सकता है।
अगर, आपको लगे कि पानी की थैली फट चुकी है, तो ऐसे में आप घबराएं नहीं। अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और जैसा डॉक्टर करने के लिए कहे, वैसा ही करें।
आइए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान पानी छूटने के बाद क्या-क्या सावधानियां बरतें।
गर्भावस्था के दौरान पानी की थैली फटने के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
गर्भावस्था में थोड़ी-सी सावधानी बरतकर आप हर कठिन स्थिति का सामना आसानी से कर सकती हैं। ठीक ऐसा पानी छूटने के साथ भी है। इसलिए, नीचे हम पानी छूटने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का जिक्र करेंगे :
- सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखें कि जैसे ही गर्भवती को पानी छूटने का अहसास हो, उसे तुरंत डॉक्टर को फोन करना चाहिए और जैसे डॉक्टर कहे वैसे ही करना चाहिए।
- पानी छूटने के बाद शिशु कोसंक्रमण होने का खतराहो सकता है। ऐसे में अगर डॉक्टर को लगता है कि महिला को 12 घंटे तक इंतजार करना चाहिए, तो वे आपको बताएंगे कि खुद को और बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए क्या करना है। ऐसे में अपने योनि क्षेत्र को साफ रखें और डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करें।
- अगरगर्भवतीघरमेंहैंयाअस्पतालजारहीहैं,तोबिस्तर या कार सीट पर एक प्लास्टिक कवर रखें, ताकि सीट गीली न हो।
- अगर रिसाव हल्का हो, तो मैटरनिटी पैड या तौलिये का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।इससे कपड़े भी गंदे नहीं होंगे और बाद में यही मैटरनिटी पैड दिखाकर डॉक्टर को पानी का नमूना भी दिया जा सकता है।
- अगर इस रिसाव में भूरा या हरा रंग दिखाई दे तो, यह शिशु के मल त्याग करने का संकेत हो सकता है। इसे मेकोनियम कहा जाता है(6)। ऐसे में कभी-कभी शिशु को एमनियोटिक द्रव ग्रहण करने से सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसे में मैटरनिटी पैड पर इस रिसाव का नमूना लेकर डॉक्टर से सही सलाह ली जा सकती है।
- कभी-कभी गर्भनाल फिसलकर ग्रीवा या योनि भाग तक आ जाती है। यह तब होता है जब झिल्ली टूट जाती है और बच्चा श्रोणि तक नहीं पहुंचता है। अगर गर्भवती को योनि में किसी तरह की गांठ महसूस हो, तो डॉक्टर से संपर्क करने में बिल्कुल देरी न करें। 300 में से एक मामले में ऐसी समस्या देखी गई है(7)।
गर्भावस्था के दौरान पानी छूटना सामान्य है, जो प्रसव निकट होने का एक संकेत होता है, लेकिन कई बार गर्भवती ऐसे में घबरा जाती है और समझ नहीं पाती कि आखिर अब उन्हें करना क्या है।ध्यान दें कि आप इस समय पर बिल्कुल भी घबराएं नहीं और अपने आसपास मौजूद व्यक्ति को इस बारे में बताएं, ताकि वो डॉक्टर से संपर्क कर सके।
पानी की थैली फटने के बाद प्रसव कितनी देर में शुरू होता है, अब हम इसके बारे में बता रहे हैं।
मेरी पानी की थैली फटने के बाद प्रसव कब शुरू होगा?
जिन महिलाओं का प्रसव पीड़ा होने से पहले ही पानी छूट जाता है, उन्हें 12 घंटे के भीतर संकुचन हो सकता है और प्रसव शुरू हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि जैसे ही पानी की थैली फटने का पता चले, तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें(8)।अगर पानी छूटने के 12 घंटे बाद तक प्रसव शुरू न हो, तो डॉक्टर कृत्रिम रूप से प्रसव पीड़ा शुरू करते हैं, जिसे ‘इंड्यूस लेबर पेन’ कहा जाता है।इसकी मदद से संकुचन को बढ़ाकर लेबर पेन को बढ़ाया जा सकता है(9)।
अंत में जानें पानी की थैली जल्दी फट जाने पर होने वाली स्थितियां।
अगर मेरी पानी की थैली जल्दी फट जाए तो क्या होगा?
सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि किन मामलों में पानी जल्दी छूटने की आशंका रहती है। नीचे हम उन्हीं स्थितियों के बारे में बता रहे हैं :
- अगर पहले की गर्भावस्था में भी पानी समय से पहले छूटा हो।
- भ्रूण झिल्ली (इंट्रा-एमनियोटिक संक्रमण) में सूजन आ जाए।
- दूसरी यातीसरी तिमाही में योनि से रक्तस्रावहो।
- गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान या अनुचित दवाओं का उपयोग करना।
- भोजन में पोषक तत्वों की कमी होना या सामान्य से कम वजन रहना।
- ग्रीवा की लंबाई कम होना।
अगर पानी गर्भावस्था के 34वें सप्ताह बाद छूटता है, तो ज्यादातर डॉक्टर तुरंत डिलीवरी कराने का फैसला लेते हैं, ताकि बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके। वहीं, अगर गर्भवती को 24वें से 34वें सप्ताह के बीच पानी छूटता है, तो डॉक्टर डिलीवरी कराने का तब तक इंतजार करते हैं, जब तक कि शिशु का और विकास न हो जाए। ऐसे में डॉक्टर गर्भवती को कुछ एंटीबायोटिक दवाएं दे सकते हैं और शिशु के फेफड़े जल्दी विकसित कराने के लिए कोर्टिकोस्टेरोइड दे सकते है, क्योंकि प्रसव तभी शुरू किया जा सकता है, जब शिशु के फेफड़े विकसित हो जाएं(10)।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
अगर पानी अपने आप नहीं छूटेगा, तो क्या होगा?
जब प्रसव शुरू होता है, तो सबसे पहले गर्भाशय फैलता है और बच्चे का सिर श्रोणि भाग में आ जाता है। अगर पानी इस समय तक नहीं छूटता है, तो डॉक्टर आर्टिफिशियल तकनीक का उपयोग करते हैं (जिसे झिल्ली के कृत्रिम रूप से टूटने के रूप में भी जाना जाता है)(1)। इस तकनीक से, पानी निकालने के लिए एक पतली प्लास्टिक हुक का उपयोग करके एमनियोटिक थैली में एक छोटा-सा छेद किया जाता है। यह प्रसव के लिए संकुचन शुरू करने में मदद करता है।
डॉक्टर पानी के छूटने की जांच कैसे करते हैं?
डॉक्टर दो तरीके अपनाकर पानी छूटने की जांच कर सकते हैं :
- डॉक्टर योनि में स्पेक्युलम (एक तरह का औजार) लगाकर पानी छूटने की जांच कर सकते हैं। साथ ही एक ब्रश पर या किसी फाहे पर पानी का नमूना लेकर संक्रमण की जांच कर सकते हैं।
- एक अन्य तरीका एमनिकेटर से जांच करना है। इसमें डॉक्टर पीएच डिटेक्टिंग डाई पर तरल का नमूना लेते हैं। अगर यह पीले रंग से नीले-पीले या गहरे नीले रंग का हो गया, तो समझ लीजिए कि पानी छूट गया है(7)।
अगर ऊपर बताए गई जांच सफल नहीं होती है, तो आप और पानी छूटने तक इंतजार करें।
अगर पानी संकुचन के संकेतों के बिना छूटता है, तो क्या होता है?
पानी छूटने के 12 घंटे के बीच प्रसव का संकुचन शुरू हो सकता है(8)। अगर फिर भी संकुचन शुरू नहीं होता है, तो डॉक्टर दवाओं के जरिए प्रसव संकुचन को प्रेरित कर सकते हैं(9)।
कैसे पता चलेगा कि यह पानी का छूटना है या योनि डिस्चार्ज है?
एक ओर एमनियोटिक द्रव रंगहीन और गंध रहित होता है, तो वहीं योनि डिस्चार्ज पतला व सफेद म्यूकस (श्लेष्म) जैसा होता है। अगर आपको रक्त के साथ भूरे या गुलाबी रंग का म्यूकस नजर आए, तो यह प्रसव निकट होने का संकेत हो सकता है(3)।
यह थी गर्भावस्था के दौरान पानी की थैली फटने से जुड़ी खास जानकारी, जिसके बारे में हर गर्भवती महिला को पता होना जरूरी है। चूंकि, कई महिलाओं को पानी छूटने का पता नहीं चल पाता, ऐसे में उन्हें इस संबंध में जानकारी होना जरूरी है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको प्रेगनेंसी में वाटर ब्रेकिंग के बारे में जरूरी जानकारियां इस लेख में मिल गई होंगी। इसके अलावा, यह लेख उन परिचित गर्भवती महिलाओं के साथ शेयर करना न भूलें, जिनका प्रसव अब ज्यादा दूर नहीं है।
References:
2.Premature rupture of membranesBy Medline Plus
3.Labor and birthBy Women’s Health
4.Preterm Premature Rupture of Membranes:Diagnosis and Management By AAFP
5.Amniotic Fluid/Bag of WaterBy Sutter Health
6.Meconium AspirationBy Kids Health
7.Umbilical Cord ProlapseBy Cleveland Clinic
8.Am I in labor?By Medlineplus
9.Inducing laborBy Medlineplus
10.Pregnancy and birth: Before preterm birth: What do steroids do?By Ncbi