महिलाओं के लिए गर्भावस्था एक ऐसा दौर होता है, जिसमें उन्हें अपना खास ख्याल रखने की जरूरत होती है। इस दौरान किसी भी चीज के सेवन से पहले उनके लिए यह जानना जरूरी होता है, कि वह चीज उनके लिए सुरक्षित है या नहीं। यही कारण है किमॉमजंक्शनके इस लेख में हम प्रेगनेंसी में पुदीना के सेवन से संबंधित जानकारी लेकर आए हैं। अगर आप गर्भवती हैं और जानना चाहती हैं कि गर्भावस्था में मिंट का सेवन कितना सुरक्षित है और इसके सेवन से क्या-क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
सबसे पहले हम बताते हैं कि गर्भावस्था में पुदीना खा सकते हैं या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में पुदीना खा सकते हैं? | Pregnancy Me Pudina Khana Chahiye Ya Nahi
हां, गर्भावस्था में पुदीने का सेवन किया जा सकता है, बशर्ते उसकी मात्रा सीमित होनी चाहिए।एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटियों में पेपरमिंट सबसे अधिक प्रयोग में लाई जाने वाली औषधि है, जो इस दौरान सुरक्षित मानी गई है(1)।लेख में आगे हमने प्रेगनेंसी में पुदीना के सेवन से होने वाले फायदों को भी बताया है।
अब हम बताएंगे कि गर्भावस्था में कितनी मात्रा में मिंट का सेवन किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान आपको कितना पुदीना खाना चाहिए?
अगर बात करें गर्भावस्था के दौरान कितना पुदीना खाना चाहिए, तो यह उसके सेवन के तरीकों पर निर्भर करता है। अगर कोई महिलागर्भावस्था में चायके रूप में पुदीने का सेवन कर रही है, तो दिन में दो से तीन कप चाय पी जा सकती है(2)। वहीं, अगर इसका सेवन किसी और तरीके से किया जा रहा है, तो इससे पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। वहीं, प्रेगनेंसी में इसके सेवन की सटीक मात्रा कितनी होनी चाहिए, इससे जुड़ा कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, इस विषय में भी डॉक्टर से जरूर बात करें।
आइए, अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में पुदीना खाने का सबसे अच्छा समय कब होता है।
गर्भावस्था में पुदीना खाने का सबसे अच्छा समय कब है?
एनसीबीआईद्वाराप्रकाशितएकशोधकेमुताबिक,गर्भावस्था के दौरान पुदीना खाने का सबसे अच्छा समय पहली और दूसरी तिमाही हो सकती है। इस दौरान, इसका सेवनउल्टी और मतली की समस्यासे आराम दिलाने के साथ-साथ कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है(1)।हालांकि, सब की गर्भावस्था एक जैसी नहीं होती है, इसलिए स्वास्थ्य अनुसार इसके सेवन के सही समय में बदलाव हो सकता है।अच्छा होगा, इस विषय से जुड़ी जानकारी डॉक्टर से लें।
आगे हम पुदीना के पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।
पुदीना का पोषक मूल्य
पेपरमिंट में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान लाभकारी साबित हो सकते हैं। तो चलिए जान लेते हैं कि पुदीना में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं(3):
- 100 ग्राम पुदीना में 78.65 ग्राम पानी, 70 कैलोरी उर्जा, 3.75 ग्राम प्रोटिन, 14.89 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 8 ग्राम फाइबर होता है।
- मिनरल्स के रूप में 100 ग्राम पुदीना में 243 मिलीग्राम कैल्शियम, 5.08 मिलीग्राम आयरन, 80 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 73 मिलीग्राम फॉसफोरस, 569 मिलीग्राम पोटेशियम, 31 मिलीग्राम सोडियम, 1.11 मिलीग्राम जिंक और 0.329 मिलीग्राम कॉपर मौजूद होता है।
- इसके अलावा, 100 ग्राम पुदीना में 31.8 मिलीग्राम विटामिन-सी, 0.082 मिलीग्राम थियामिन, 0.266 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन और 1.706 मिलीग्राम नियासिन भी मौजूद होता है।
अब बारी है प्रेगनेंसी में पुदीना खाने के फायदों के बारे में जानने की।
प्रेगनेंसीमें पुदीना खाने के फायदे
गर्भावस्था के दौरान पुदीना का सेवन किस प्रकार फायदेमंद साबित हो सकता है, इसकी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं(1):
- प्रेगनेंसीमेंपुदीनाकासेवनगैस की समस्यासे निजात दिलाने में मददगार हो सकता है।हालांकि, यह किस प्रकार यह काम करता है, इसे लेकर सटीक शोध की आवश्यकता है।
- वहीं, इसमेंस्तनों में दूध को बढ़ानेवाला गुण भी पाया जाता है।
- इसके अलावा, पुदीना में एंटी-स्पास्मोडिक (antispasmodic) प्रभाव भी मौजूद होता है, जोमांसपेशियों में ऐंठनको कम करने में मदद कर सकता है।
- वहीं, शोध में जिक्र मिलता है कि पुदीना गर्भावस्था में श्वसन औरयूरिन के मार्ग में होने वाले संक्रमणसे बचाने में भी मदद कर सकता है।
- पुदीना का इस्तेमाल गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस (मतली और उल्टी आना) से बचाव और उसे कम करने में भी मदद कर सकता है।
- वहीं, शोध में आगे जिक्र मिलता है कि पुदीने के तेल को सूंघने से बुखार को कम करने के साथ-साथ पाचन क्रिया को सुधारने में मदद मिल सकती है।
- इसके अलावा, प्रेगनेंसी में पुदीने की चाय का सेवनएसिडिटी की समस्याको भी कम करने में मदद कर सकता है(4)। हालांकि, इस प्रभाव के पीछे पुदीने के कौन से गुण काम करते हैं, इसे लेकर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
गर्भावस्था में पुदीना खाने के नुकसान नीचे बताए गए हैं।
प्रेगनेंसीमें पुदीना खाने के नुकसान
गर्भावस्था के दौरान पुदीना के सेवन से होने वाले फायदों को जानने के बाद उसके नुकसानों के बारे में भी जानकारी होना जरूरी है। तो चलिए जान लेते हैं प्रेगनेंसी में पुदीना के साइड इफेक्ट्स:
- अगर किसी महिला को पुदीना से एलर्जी है, तो उन्हें प्रेगनेंसी में इसके सेवन से परहेज करना चाहिए, वरना इससे एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- एक शोध के मुताबिक, दवाओं के साथ पुदीने का इस्तेमाल गर्भावस्था में अज्ञात प्रभाव डाल सकता है या फिर भ्रूण के लिए जटिलताएं खड़ी कर सकता है(5)।
- इसका अधिक सेवन मेंस्ट्रुअल फ्लो (Menstrual flow) को बढ़ा सकता है(5)।
- मिंट में पाया जाने वाला मेंथॉल रक्तचाप के स्तर को कम करता सकता है। इसलिए, किसी प्रेगनेंट महिला को अगरलो ब्लड प्रेशरकी समस्या है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि पुदीना उनके रक्तचाप को और भी कम कर सकता है(6)।
- अगर किसी गर्भवती महिला को लोशुगर की समस्याहै, तो, उन्हें पुदीना के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि पुदीने में ब्लड शुगर को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है, जो उनके शुगर के स्तर को और भी कम कर सकता है(7)।
अंत में जानिए पुदीने के सेवन से जुड़ी सावधानियां।
पुदीना का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां
लेख में हमने पुदीना के फायदे के साथ-साथ उससे होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया है। इसलिए, इसके सेवन के समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। नीचे पढ़े क्या हैं वे सावधानियां :
- पुदीने की पत्तियों का सेवन करने से पहले उन्हें साफ पानी से जरूर धोएं।
- हमेशा ताजी पत्तियों को ही उपयोग में लाएं।
- हमेशा सही मात्रा में ही पुदीने का इस्तेमाल करें।
- अगर पुदीने से किसी प्रकार की एलर्जी है, तो इसके इस्तेमाल से परहेज करें।
- इसके सेवन के बाद किसी भी तरह की समस्या होती है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
प्रेगनेंसीमें पुदीने की चाय कितनी सुरक्षित हो सकती है, यह भी जान लीजिए।
क्या गर्भावस्था के दौरान पुदीने की चाय पीना सुरक्षित है?
हां, गर्भावस्था के दौरान पुदीने की चाय का सेवन किया जा सकता है।पुदीने की चाय प्रेगनेंसी के दौरान मतली और उल्टी को कम करने में मददगार साबित हो सकती है।इसके अलावा, यह पेट को भी शांत रखने में मदद कर सकती है(2)।
गर्भावस्था में पुदीना के सेवन के विभिन्न तरीके नीचे बताए गए हैं।
प्रेगनेंसीमें पुदीना किस-किस प्रकार से खाया जा सकता है?
पुदीना के फायदे और नुकसान को जानने के बाद अब नीचे जानिए प्रेगनेंसी में पुदीना का सेवन करने के विभिन्न तरीके:
- पुदीने की चाय बनाई जा सकती है।
- पुदीने की पत्तियों की चटनी बनाकर सेवन कर सकते हैं।
- पुदीने की कुछ पत्तियों को सब्जियों में डाल सकते हैं।
- फलों के जूस के साथ इसकी कुछ पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
तोयेथीगर्भावस्थाकेदौरानपुदीनेकेसेवनसेजुड़ी कुछ जानकारी। यहां हमने मिंट खाने के फायदे के साथ-साथ उसके नुकसान और सेवन का सही समय भी बताया है, इसलिए इसके इस्तेमाल से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें। वहीं, प्रेगनेंसी में पुदीने से सेवन के बाद कुछ दुष्प्रभाव सामने आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। हम आशा करते हैं कि यहां बताई गई बातें आपके लिए फायदेमंद साबित होंगी। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए मॉमजंक्शन के साथ जुड़े रहें।
सतर्क रहें, स्वस्थ रहें!
References:
2.Peppermint– By Sciencedirect
3.Peppermint– ByFood Centra Data
4.Effect of Peppermint as One of Carminatives on Relieving Gastroesophageal Reflux Disease (GERD) During Pregnancy– By Journal of American Science
5.Herbal Medicines Use During Pregnancy: A Review from the Middle East– By NCBI
6.Effects and Safety of Menthol on Blood Pressure and Metabolic Parameters in Prehypertensive and Mild Hypertensive Patients (ESMAB)– By CLINICALTRIALS
7.Metabolic Profile of Offspring from DiabeticWistarRats Treated withMentha piperita(Peppermint)– By NCBI