check_iconFact Checked

गर्भावस्था में कब्ज (Constipation) का इलाज व घरेलू उपचार | Pregnancy Me Kabj Ka Ilaj

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कब्ज होना आम बात है। ऐसा शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। हालांकि, इस समस्या से संतुलित भोजन व अच्छी जीवनशैली से निपटा जा सकता है, लेकिन कब्ज अधिक होने पर कई परेशानियां हो सकती हैं। इससे महिला के लिए गर्भावस्था काल कष्टदायक साबित हो सकता है।मॉमजंक्शनके इस आर्टिकल में हम गर्भावस्था में कब्ज के कारण, लक्षण व घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से बताएंगे।

आइए, लेख के पहले भाग में जानते हैं कि कितनी गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या होती है।

In This Article

क्या गर्भावस्था में कब्ज की समस्या आम है?

प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज किसी को भी हो सकती है। करीब 11-33 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है(1)। यह तब तक चिंता का कारण नहीं है, जब तक कि यह गंभीर न हो जाए। इसलिए, गर्भवती महिला को कब्ज जैसी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

गर्भावस्था में कब्ज की समस्या कब होती है?

शरीर में जैसे ही प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्तर अधिक होता है, कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसा दूसरे या तीसरे महीने में होता है। फिर जैसे-जैसे गर्भाशय का आकार बढ़ता है, कब्ज की समस्या भी बढ़ने लगती है(2)

आगे हम बता रहे हैं कि गर्भवती महिला को किन कारणों से कब्ज हो सकती है।

गर्भावस्था में कब्ज होने के कारण

गर्भावस्था में निम्नलिखित कारणों से कब्ज की समस्या हो सकती है(3):

  • हार्मोन में बदलाव :गर्भावस्था के दौरान कब्ज का सबसे अहम कारण प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का बढ़ना है।
  • आहार में फाइबर का कम होना :अगर गर्भवती महिला अपने भोजन में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करती है, तो कब्ज हो सकती है। फाइबर पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है।
  • पानी की कमी :प्रतिदिन कम मात्रा में पानी पीने से भी कब्ज हो सकती है। साथ ही पहली तिमाही में मॉर्निंग सिकनेस के कारण भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जो कब्ज का कारण बनती है।
  • कम शारीरिक गतिविधि :बेशक, गर्भावस्था में महिला के स्वभाव में बदलाव होता है और कई बार थकान भी महसूस होती है, लेकिन रोज कुछ देर की सैर भी जरूरी है। इससे खाना हजम होता है और पेट आराम से साफ हो जाता है। अगर डॉक्टर ने आपको पूरी तरह से बेड रेस्ट के लिए बोला है, तो बात अलग है।
  • मेडिकल कंडीशन :स्ट्रोक, डायबिटीज, आंत में रुकावट, आईबीएस (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) जैसी समस्याओं के कारण भी कब्ज हो सकती है।
  • दवाइयां :आयरन व कुछ दर्द निवारक दवाइयों के कारण भी कब्ज की समस्या हो सकती है।

आइए, अब उन लक्षणों के बारे में बात कर लेते हैं, जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपको कब्ज है या नहीं।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज के लक्षण

नीचे जानिए गर्भावस्था के दौरान कब्ज के लक्षणों के बारे में(4):

  • मल का बहुत कम आना।
  • भूख में कमी।
  • पेट फूलना और दर्द होना।
  • मल का कठोर होना।
  • कठोर मल के कारण मलाशय में जख्म होना और मल के साथ रक्त आना।

आर्टिकल के इस हिस्से में हम कब्ज से निपटने के जरूरी तरीके व घरेलू उपचार बताएंगे।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज को कैसे रोकें

गर्भावस्था के दौरान कब्ज को रोकने के लिए नीचे कुछ उपाय दिए जा रहे हैं(5):

  1. तरल पदार्थ :ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने से खाना पचाने में आसानी होती है। आप दिनभर में कम से कम आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं।
  1. थोड़ा-थोड़ा आहार :एक बार में अधिक भोजन करने की जगह प्रत्येक समयांतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाएं। इससे भोजन को पचाना आसान हो जाएगा।
  1. रोजाना व्यायाम करें :व्यायाम करने से शरीर के अंदरुनी अंग बेहतर तरीके से काम करते हैं और पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। आपको कैसे और कितना व्यायाम करना है, इस बारे में डॉक्टर बेहतर बता सकते हैं।

गर्भावस्था में कब्ज के घरेलू उपचार

यहां हम कुछ घरेलू उपचार बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप कब्ज की समस्या को ठीक कर सकती हैं :

  1. नींबू :इसकी मदद से भोजन को हजम करना आसान हो जाता है। नींबू में सिट्रिक एसिड होता है, जिस कारण पाचन तंत्र अच्छे से काम कर पाता है और मल त्याग में आसानी होती है(6)(7)। अगर आप गर्म पानी में नींबू के रस को मिलाकर सेवन करते हैं, तो आपको कब्ज से जल्द आराम मिल सकता है।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू के रस को मिक्स कर दें।
    • स्वाद के लिए आप इसमें शहद मिला सकते हैं।
    • इस मिश्रण को आप दिन में दो बार ले सकते हैं।
  1. पानी :शरीर में पानी की कमी होने पर भी कब्ज की समस्या हो सकती है। इसलिए, प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। पानी से खाना अच्छी तरह से हजम हो जाता और मल त्याग करने में भी परेशानी नहीं होती है(8)

कैसे करें प्रयोग :

    • डिहाइड्रेशन से बचने के लिए आपको रोज 10 गिलास पानी तो जरूरी पीना चाहिए।
  1. सिट्रस फल :सिट्रस फलों (संतरा आदि) में विटामिन-सी की मात्रा अधिक होती है। अच्छी सेहत के लिए विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन जरूरी है। इससे इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम करता है। साथ ही सिट्रस फलों में फाइबर भी पाया जाता है। इसलिए, ये कब्ज को जड़ से खत्म कर सकते हैं(9)(10)

कैसे करें प्रयोग :

    • आप प्रतिदिन एक या दो संतरे या फिर कोई अन्य सिट्रस फल का सेवन कर सकते हैं।
  1. साइलियम :इसे भी फाइबर का अच्छा स्रोत माना गया है। यह तरल पदार्थ को अवशोषित कर मल त्याग में मदद करता है(11)(12)

कैसे करें प्रयोग :

    • साइलियम को आम भाषा में इसबगोल कहा जाता है और यह बाजार में आसानी से मिल जाता है। आप इसे एक गिलास पानी में मिक्स करके पी सकते हैं। जल्द राहत के लिए आप इसे दिन में दो बार पी सकते हैं।
  1. अलसी के बीज :इन्हें ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना गया है। इस कारण से शरीर में तरल की मात्रा बनी रहती है। साथ ही इसमें डाइटरी फाइबर की मात्रा भी अधिक होती है, जिस कारण कब्ज से राहत मिलती है(13)

कैसे करें प्रयोग :

    • आप प्रतिदिन आधा चम्मच अलसी के बीजों को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं। फिर चाहे आप इसे तेल के रूप में लें, पाउडर के रूप में लें या फिर किसी अन्य तरह से।
  1. मसाज :पेट की मसाज करने से मांसपेशियों में आए तनाव व अन्य परेशानी को कम किया जा सकता है। करीब 15 मिनट तक की गई मसाज से गर्भवती महिला को आराम महसूस हो सकता है। ध्यान रहे कि मसाज हल्के हाथों से की जानी चाहिए(14)

कैसे करें प्रयोग :

    • मसाज उंगलियों की मदद से क्लॉक वाइज की जानी चाहिए। इसकी शुरुआत बाईं तरफ से करें, फिर बीच में और अंत में पेट के दाईं ओर करें। बेहतर यही होगा कि मसाज घर के किसी सदस्य से करवाने की जगह किसी प्रशिक्षक से करवाएं।
  1. रिफ्लेक्सोलॉजी :यह एक प्रकार की वैल्पिक चिकित्सा पद्धति है। इसमें बिना तेल या क्रीम के शरीर के विभिन्न अंगों जैसे – उंगली या फिर अंगूठे आदि को दबाकर इलाज किया जाता है। प्रभावित जगह पर दबाव डालने से आराम मिलता है(15)

कैसे करें प्रयोग :

    • इसके लिए आप विशेषज्ञ की मदद लें, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
  1. एक्यूप्रेशर :यह भी वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। इसमें भी शरीर के विभिन्न अंगों पर दबाव डालकर इलाज किया जाता है। इससे कब्ज का इलाज भी संभव है।

कैसे करें प्रयोग :

    • इसे भी किसी विशेषज्ञ से करवाया जाए, तो अच्छा होगा।
  1. फाइबर :फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। इसके अलावा, फाइबर में विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो स्वस्थ गर्भावस्था के लिए जरूरी हैं(16)

कैसे करें प्रयोग :

    • बीन्स, सूखे मेवे, अनाज, नट्स, फल व सब्जियां फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।
  1. अच्छा फैट :संतुलित मात्रा में अच्छे फैट का सेवन करने से मल त्यागने की प्रक्रिया बेहतर होती है।

कैसे करें प्रयोग :

    • आप एवोकाडो जैसे फैट युक्त फलों का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं।
  1. योगर्ट :इसे प्रोबायोटिक्स का अच्छा स्रोत माना गया है। यह भोजन को हजम करने में मदद करता है(17)

कैसे करें प्रयोग :

    • आप प्रतिदिन एक कटोरी योगर्ट खा सकते हैं।
  1. सेब का सिरका :इसमें पेक्टिन व एसिटिक एसिड होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर कर सकता है(18)

कैसे करें प्रयोग :

    • एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच सेब के सिरके को मिक्स करें।
    • आप स्वाद के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
    • इस मिश्रण को सुबह और रात के समय पिया जा सकता है।
  1. सेंधा नमक :इसे मैग्नीशियम सल्फेट भी कहा जाता है। इसके प्रयोग से नसों में आए खिंचाव को कम किया जा सकता है। साथ ही इसमें लैक्सेटिव गुण भी होता है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है(19)

कैसे करें प्रयोग :

    • आप पानी से भरे बाथटब में एक कप सेंधा नमक मिला दें।
    • अब इसमें कुछ देर के लिए बैठ जाएं। ध्यान रहे कि यह पानी आपके मुंह में न जाए।

आगे उन दवाओं की बात हो रही हैं, जिन्हें कब्ज होने पर गर्भवती महिला ले सकती है।

गर्भावस्था के दौरान कब्ज का इलाज कैसे करें? | Pregnancy Main Qabz Ka Ilaj

कब्ज की समस्या गंभीर होने पर कुछ दवा लेना बेहतर हो सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर की सलाह के बिना इन दवाओं का सेवन न करें(20)

  • स्टूल सॉफ्टनर: यह मल को पतला करने वाली दवा होती है। यह दवा किसी भी मेडिकल स्टोर से मिल जाएगी। यह दवा गोली या फिर तरल रूप में आती है। कब्ज की समस्या होने पर डॉक्टर आपको यह दवा लेने के लिए कह सकते हैं।
  • ल्यूब्रिकेंट लैक्सेटिव :इससे मल पतला होता है और आंताें की दीवारों पर चिकनाहट आती है, जिससे मल बाहर आसानी से निकल जाता है। ग्लिसरीन सपोसिटरी एक प्रकार का ल्यूब्रिकेंट लैक्सेटिव है। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
  • आसमाटिक लैक्सेटिव:यह दवा आंतों में पानी को अधिक मात्रा में खींचती है, जिससे मल पतला हो जाता है और पेट आसानी से साफ हो जाता है। ध्यान रहे कि इस तरह के लैक्सेटिव से पेट में ऐंठन हो सकती है व गैस बन सकती है।

आइए, अब यह भी जान लेते हैं कि कब्ज से बचने के लिए क्या खाना चाहिए।

गर्भावस्थामेंकब्जकीरोकथामकेलिएआहार

गर्भावस्था में कब्ज होने पर आप इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं(21):

फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ औसतन मात्रा डाइटरी फाइबर (ग्राम) कैसे करें शामिल
बादाम 28.3 ग्राम 3.3
  • आप एक मुट्ठीभर बादाम खा सकते हैं।
  • आप इसे सलाद या फिर सूप में भी मिक्स कर सकते हैं।
चोकर युक्त अनाज आधा कप 8
  • इसे दही में मिलाकर खाया जा सकता है।
बीन्स आधा कप 8.2 (राजमा की फलियां)
6-7 (छोले या दाल की फलियां)
  • आप इसे भिगोने के बाद भून कर खा सकती हैं या फिर सूप और सलाद में मिक्स कर सकती हैं।
ब्रोकली आधा कप 2.8
  • आप इसकी सब्जी बना सकती हैं।
  • इसे सूप या फिर सलाद के तौर पर भी खाया जा सकता है।
आलूबुखारा एक 3
  • आप इसे ऐसे ही खा सकती हैं या फिर इसका जूस भी पी सकती हैं।
कद्दू आधा कप 3.6
  • आप इसकी सब्जी बना सकती हैं।
  • इसका सूप पी सकती हैं।
  • मीट में मिलाकर खा सकती हैं।
नाशपाती एक 4.3
  • आप इसे ऐसे ही खा सकती हैं या फिर इसका जूस पी सकती हैं।
ब्लैकबेरी आधा कप 3.8
  • इसे मुट्ठीभर खाया जा सकता है।
  • इसकी स्मूदी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • इसे सलाद में भी मिक्स कर सकते हैं।
उबले आलू एक मध्यम आकार का 3.8
  • इसे सब्जी में मिलाकर खा सकते हैं।
केला एक मध्यम आकार का 3.1
  • आप इसे ऐसे ही खाएं या फिर सलाद में मिक्स करके खाएं।
  • इसकी स्मूदी भी बना सकती हैं।
संतरा एक मध्यम आकार का 3.1
  • इसे ऐसे ही खाएं या फिर फलों के सलाद में मिक्स करके खाएं।
  • आप इसका जूस भी पी सकती हैं।

गर्भावस्था में कब्ज दूर करने के लिए क्या व्यायाम करें?

गर्भावस्था के दौरान कब्ज से बचने के लिए आप ये व्यायाम कर सकते हैं(22):

  • घूमना या पैदल चलना

Image: Shutterstock

प्रेगनेंसी के समय पैदल चलना अच्छा होता है। आप रोजाना 20 से 30 मिनट पैदल चल सकती हैं। इससे कब्ज से राहत मिलेगी और आप तरोताजा महसूस करेंगी।

  • प्राणायाम

Image: Shutterstock

कब्ज के दौरान योग करने से कब्ज की समस्या से निजात पाई जा सकती है। प्राणायाम कब्ज के दौरान काफी मददगार हो सकता है। नीचे प्राणायाम करने का तरीका बताया जा रहा है :

  • योग मैट पर सुखासन में बैठ जाएं।
  • अपने हाथों को घुटनों पर रखें।
  • अब आंखें बंद करके लंबी गहरी सांस लें और उसे धीरे-धीरे छोड़ें।
  • इस दौरान पूरा ध्यान अपनी सांसों पर रखें।
  • आप इसे 10-15 मिनट कर सकते हैं।
  • तैराकी

Image: Shutterstock

प्रेगनेंसी में तैराकी करना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए अच्छा होता है। तैराकी करने से नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना बढ़ सकती है। आप किसी प्रशिक्षक की देखरेख में ही तैराकी करें। अगर आपको तैराकी नहीं आती है, तो इसे न करें।

  • एरोबिक्स

Image: Shutterstock

एरोबिकएक्सरसाइजकरनेसेहृदयकेसाथफेफड़ेभीमजबूत होते हैं। साथ ही मांसपेशियों भी ठीक रहती हैं। इसके अलावा, कब्ज जैसी समस्या से भी छुटकारा मिलता है। ध्यान रहे कि इसे विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। इसे अपने से करने का प्रयास न करें।

क्या गर्भावस्था में कब्ज होना शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है?

हालांकि, कब्ज से गर्भ में पल रहे शिशु को तो कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन महिला को बवासीर व मल के साथ खून आने की समस्या हो सकती है।

आइए, अब इस समस्या से संबंधित कुछ पाठकों के सवाल पर चर्चा करते हैं

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या कब्ज शुरुआती गर्भावस्था का संकेत है?

नहीं, कब्ज की समस्या किसी को भी और कभी भी हो सकती है। पाचन प्रक्रिया के कमजोर होने और आंतों के ठीक प्रकार से काम न करने के कारण कब्ज होता है। इसका गर्भावस्था से कोई संबंध नहीं है।

क्या गर्भावस्था में लैक्सेटिव (पेट साफ करने की दवा) लेना सुरक्षित है?

आपको लैक्सेटिव लेना है या नहीं, यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। साथ ही इस संबंध में आपको डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं।

यह तो स्पष्ट है कि गर्भावस्था में कब्ज कोई गंभीर रोग नहीं है, लेकिन इसका अधिक समय तक रहना दूसरी समस्याओं का कारण जरूर बन सकता है। इसलिए, आप जितना हो सके स्वस्थ रहें और डॉक्टर के कहे अनुसार उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करें। अगर फिर भी कब्ज होती है, तो इस लेख में बताए गए घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही नियमित रूप से हल्के-फुल्के व्यायाम भी करें। हम आपकी स्वस्थ गर्भावस्था की कामना करते हैं।

References:

MomJunction's articles are written after analyzing the research works of expert authors and institutions. Our references consist of resources established by authorities in their respective fields. You can learn more about the authenticity of the information we present in oureditorial policy.
1.Constipation, haemorrhoids, and heartburn in pregnancyBy NCBI
2.Body changes and discomfortsBy Womens Health
3.Common symptoms during pregnancyBy Medline Plus
4.Constipation in pregnancy: prevalence, symptoms, and risk factorsBy NCBI
5.Relief from Common Discomforts of PregnancyBy APPS
6.Powerful Constipation Natural RemediesBy Google Books
7.An evaluative study to assess the effectiveness of lemon juice on pregnancy induced hypertension among antenatal mothers in dommasandra phc, bangaloreBy Academia
8.ConstipationBy IUPUI
9.Orange juice residues as dietary fiber source for foodsBy NCBI
10.Prenatal NutritionBy Michigan Medicine
11.Pharmacological basis for the medicinal use of psyllium husk (Ispaghula) in constipation and diarrheaBy NCBI
12.The Effect of Oral Psyllium Herbal Laxative Powder in Prevention of Hemorrhoids and Anal Fissure during Pregnancy, a Randomized Double Blind Clinical TrialBy Academia
13.Dual effectiveness of Flaxseed in constipation and diarrhea: Possible mechanismBy NCBI
14.Massage for IBS & ConstipationBy pacific college
15.The Effect of Reflexology on Pain Intensity and Duration of Labor on PrimiparasBy NCBI
16.Diets for ConstipationBy NCBI
17.The Effect of Probiotic Yogurt on Constipation in Pregnant Women: A Randomized Controlled Clinical TrialBy NCBI
18.apple cider vinegar for constipationBy Google Books
19.The osmotic and intrinsic mechanisms of the pharmacological laxative action of oral high doses of magnesium sulphate. Importance of the release of digestive polypeptides and nitric oxideBy NCBI
20.Treating constipation during pregnancyBy NCBI
21.Maternal Health and NutritionBy Health and Senior Services
22.Pregnancy And ExerciseBy NCBI

Was this article helpful?
The following two tabs change content below.