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प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) | Pregnancy Me BP High Hona

गर्भावस्था के दौरान एक महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।उच्च रक्तचाप भी ऐसी ही समस्या है, जिसका सामना किसी भी गर्भवती महिला को करना पड़ सकता है।एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान हाइपरटेंशन मां और भ्रूण की मौत का कारण बन सकता है(1)। इसलिए, जरूरी है कि हाई बल्ड प्रेशर को कम करने और इससे निजात पाने संबंधी जानकारी हर गर्भवती महिला के पास होनी चाहिए।

मॉमजंक्शनके इस लेख में जानिए गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के कारण, लक्षण और इस पर काबू पाने के लिए सबसे सटीक उपचार।

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गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप (जेस्टेशनल हाइपरटेंशन) क्या है? | Pregnancy Me Bp High Hona

उच्च रक्तचाप वो चिकित्सीय स्थिति है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है।प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली इस समस्या को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के नाम से जाना जाता है, जिसका सामना कोई भी गर्भवती महिला कर सकती है।गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के सामान्य और गंभीर रूप देखे जा सकते हैं, जिनकी चर्चा हम लेख में आगे करेंगे(2)

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप कितना आम है?

गर्भावस्था के दौरान हाइपरटेंशन एक आम समस्या है। विश्वभर में प्रेगनेंसी में उच्च रक्तचाप लगभग 10 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है, जिसमें तीन से पांच प्रतिशत महिलाएं प्रीक्लेम्पसिया (हाइपरटेंशन का एक प्रकार) का शिकार होती हैं। भारत में की गई एक स्टडी के अनुसार 7.8 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में हाइपरटेंसिव डिसऑर्डर दर्ज किया गया, जिसमें से 5.4 प्रतिशत प्रीक्लेम्पसिया के मामले थे(3)। नीचे जानिए गर्भावस्था में हाई बीपी के प्रकार।

गर्भावधि उच्च रक्तचाप के प्रकार

गर्भवस्था के दौरान उच्च रक्तचाप अपने विभिन्न रूपों से एक महिला की तकलीफ बढ़ा सकता है। नीचे जानिए प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी के प्रकारों के बारे में(2):

  1. गर्भावधि उच्च रक्तचाप :यह गर्भावस्था के 20वें हफ्ते के बाद शुरू होता है और डिलीवरी के बाद 12 हफ्तों में अपने आप ठीक हो सकता है। मां और भ्रूण पर इसका नुकसान कम देखा गया है, लेकिन यह भविष्य में गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है, जैसे जन्म के समय शिशु का कम वजन या समय से पहले जन्म (Preterm birth)। यह रक्तचाप प्रीक्लेम्पसिया की वजह बन सकता है।
  1. क्रोनिक उच्च रक्तचाप :यह गर्भावस्था के 20वें सप्ताह से पहले या एक महिला के गर्भवती होने से पहले शुरू होता है। जांच के अभाव में इस रक्तचाप का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। यह रक्तचाप भी प्रीक्लेम्पसिया का कारण बन सकता है।
  1. प्रीक्लेम्पसिया :इस अवस्था में गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद रक्तचाप अचानक बढ़ जाता है। ऐसा आमतौर पर तीसरी तिमाही में होता है।गर्भावस्था के दौरान यह रक्तचाप मां और शिशु के लिए घातक हो सकता है।इसके लक्षण लीवर-किडनी का खराब होना और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ना हो सकता है।

प्रेगनेंसी में बीपी हाई होने के कारण

गर्भावस्था में बीपी हाई होने का कारणों का पता लगाना मुश्किल है, लेकिन वैज्ञानिक शोध में कुछ कारकों को शामिल किया गया है, जो प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं(4):

  • पहली गर्भावस्था
  • 40 वर्ष या उससे अधिक आयु
  • आनुवंशिक
  • क्रोनिक उच्च रक्तचाप
  • किडनी का खराब होना
  • मधुमेह
  • जुड़वां भ्रूण

गर्भावस्था में हाई बीपी के कारण जानने के बाद आगे जानते हैं प्रेगनेंसी में उच्च रक्तचाप के लक्षण।

गर्भावस्था में हाई बीपी के लक्षण

हालांकि,गर्भावस्थामेंउच्चरक्तचापबिना लक्षणों के भी शरीर में दाखिल हो सकता है, लेकिन फिर भी निम्नलिखित बिंदुओं से इसकी पहचान की जा सकती है(5):

  • सिस्टोलिक रक्तचाप 160 से अधिक
  • डायस्टोलिक रक्तचाप 110 से अधिक
  • दृष्टि संबंधी समस्या, जैसे धुंधला दिखना
  • पेट में दर्द
  • दौरा (Seizures)
  • पेशाब कम आना (Oliguria)
  • लिवर से जुड़ी समस्या

अन्य लक्षण :

  • माइग्रेन या सिरदर्द का बने रहना।
  • चेहरे पर सूजन।
  • कभी-कभी पेट के दाहिने भाग में ऊपर की ओर दर्द होना।

चलिए, अब जान लेते हैं कि प्रेगनेंसी में उच्च रक्तचाच का निदान कैसे किया जाए।

जेस्टेशनल हाइपरटेंशन का निदान

गर्भावस्थामेंउच्चरक्तचापकेलक्षणदिखनेपरइसकानिदान आवश्यक हो जाता है। हाई बीपी की जांच भविष्य के जोखिम से बचाने में मदद करेगी। गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की जांच के लिए डॉक्टर निम्नलिखित बिंदुओं का सहारा ले सकते हैं(6):

  • जांच के पहले चरण में डॉक्टर आपके रक्तचाप की जांच करेगा।जांच के दौरान अगर सिस्टोलिक रक्तचाप 140 से अधिक और डायस्टोलिक रक्तचाप 90 से अधिक पाया गया है, तो यह माना जाएगा कि आपको जेस्टेशनल हाइपरटेंशन है।
  • जांच के दूसरे चरण में डॉक्टर प्रीक्लेम्पसिया जैसे रक्तचाप विकारों की पहचान के लिए यूरिन टेस्ट कर सकते हैं। जेस्टेशनल हाइपरटेंशन की स्थिति में प्रोटीन यूरिन में नहीं पाया जाता। वहीं, अगर जांच के दौरान अगर यूरिन में प्रोटीन की मात्रा (5 ग्राम/24घंटे) पाई गई, तो यह प्रीक्लेम्पसिया का लक्षण हो सकता है।
  • यूरीन टेस्ट के साथ डॉक्टर रक्त जांच के जरिए प्लेटलेट्स भी चेक कर सकते हैं, क्योंकि प्रीक्लेम्पसिया की स्थिति में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर ब्लड टेस्ट में प्लाज्मा और यूरिक एसिड की जांच भी कर सकते हैं।

नोट– मरीज की स्थिति के अनुसार डॉक्टर अन्य टेस्ट भी कर सकते हैं।

लेख के अगले भाग में हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी में हाई बीपी का इलाज कैसे किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में हाई बीपी का इलाज | Pregnancy Me High BP Ka Ilaj

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का इलाज दो तरीके से किया जा सकता है, एक तो क्रॉनिक हाइपरटेंशन की स्थिति को नियंत्रित करके और दूसरा प्रीक्लेम्पसिया जैसे उच्च रक्तचाप विकारों को ठीक करके।

  1. क्रॉनिक हाइपरटेंशन का इलाज :क्रॉनिक हाइपरटेंशन प्रीक्लेम्पसिया का कारण भी बन सकता है, इसलिए इसका इलाज करना जरूरी है। क्रॉनिक हाइपरटेंशन के लिए डॉक्टर निम्नलिखित बिंदुओं का सहारा ले सकते हैं(1),(7):
  • डॉक्टर रक्तचाप की रेगुलर जांच कर सकते हैं।
  • रक्तचाप को कम करने के लिए डॉक्टर महिला को एंटीहाइपरटेंसिव दवा दे सकते हैं।
  • इसके अलावा, भ्रूण की जांच भी की जा सकती है।
  • महिला की मौजूदा स्थिति को देखते हुए डॉक्टर अपने अनुसार इलाज और जांच की विधियों को अपना सकते हैं।
  1. प्रीक्लेम्पसिया का इलाज :प्रीक्लेम्पसिया के इलाज के लिए डॉक्टर नीचे दिए गए तरीके को अपना सकते हैं(8):
  • अगर प्रीक्लेम्पसिया हल्का (Mild) है, तो प्रसव के लिए इंतजार किया जा सकता है। गर्भवती महिला का रक्तचाप कम करने और नाल में रक्त प्रवाह को बढ़ाने के लिए डॉक्टर महिला को बेड रेस्ट के लिए कह सकते हैं।
  • प्रीक्लेम्पसिया की मौजूदा स्थिति जांचने के लिए डॉक्टर महिला और भ्रूण को ठीक से मॉनिटर करेंगे। इसके अंतर्गत प्लेटलेट्स काउंट, लिवर एंजाइम, किडनी फंक्शन और यूरिन में प्रोटीन के स्तर का आंकलन करने के लिए समय-समय पर रक्त और यूरिन टेस्ट किया जा सकता है।
  • भ्रूण परीक्षण के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड, ह्रदय गति की जांच और भ्रूण का विकास जानने के लिए एमनियोटिक द्रव्य का मूल्यांकन कर सकते हैं।
  • सीजर यानी सिजेरियन डिलीवरी से बचने के लिए डॉक्टर महिला को मैग्नीशियम सल्फेट जैसी एंटीकॉन्वल्सिव दवा दे सकते हैं।
  • प्रीक्लेम्पसिया की गंभीर स्थिति में गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा, ताकि उसकी लगातार निगरानी की जा सके।
  • अस्पताल में रक्तचाप को नियंत्रित करने और दौरे या अन्य जटिलताओं को रोकने के लिए इंट्रावेनस दवा (नसों के माध्यम से दी जाने वाली दवा) महिला को दी जा सकती। साथ ही भ्रूण के फेफड़ों के विकास के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन भी दिया जा सकता है।
  • अगर प्रीक्लेम्पसिया की स्थिति में महिला अपने गर्भावस्था के 34 सप्ताह या उससे ज्यादा का समय पार कर चुकी है, तो डॉक्टर जल्द से जल्द प्रसव का फैसला ले सकते हैं।
  • अगरगर्भावस्था34सप्ताहसेकमहै,तोडॉक्टरभ्रूणके फेफड़ों के विकास की गति बढ़ाने के लिए महिला को कॉर्टिकोस्टेरॉइड दे सकते हैं।
  • इसके अलावा, मां और शिशु के लिए गंभीर जटिलताएं पैदा होने पर डॉक्टर समय से पहले प्रसव का फैसला भी ले सकते हैं।

आगे जानिए कि प्रेगनेंसी में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए क्या-क्या खाया जा सकता है।

गर्भवती होने पर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए खाद्य पदार्थ

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए DASH इटिंग प्लान को शामिल किया जा सकता है। DASH (Dietary Approaches to Stop Hypertension) में उन खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है, जो उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम करते हैं।वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गर्भावस्था में रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए DASH इटिंग प्लान फायदेमंद साबित हो सकता है(9),(10)इस डाइट प्लान में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल किया जा सकता है :

  • कम सैचुरेटेड फैट, कुल फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थ
  • फल, सब्जियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद
  • साबुत अनाज, मछली और नट्स
  • कम फैट और पोटैशियम युक्त मिठाई व पेय आदि
  • कैल्शियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ

DASH इटिंग प्लान के बाद आगे हम हाई बीपी से जुड़ी कुछ और जानकारियां दे रहे हैं।

गर्भावस्था में हाई बीपी के जोखिम कारक और जटिलताएं

गर्भावस्था में हाई बीपी का जोखिम मां के साथ-साथ शिशु को भी भुगतना पड़ सकता है, जैसे(11):

मां से जुड़े जोखिम और जटिलताएं :

  • प्रीक्लेम्पसिया
  • एक्लेम्पसिया
  • स्ट्रोक
  • लेबर इंडक्शन (लेबर शुरू करने के लिए दवा देना)
  • प्लेसेंटल अब्रप्शन (गर्भाशय की दीवार से प्लेसेंटा यानी अपरा को अलग करना)

बच्चे से जुड़े जोखिम और जटिलताएं :

  • समय पूर्व प्रसव (जन्म जो गर्भावस्था के 37 सप्ताह से पहले होता है)
  • जन्म के समयकम वजन

आइए, अब प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हाई बीपी की रोकथाम के बारे में भी जान लेते हैं।

गर्भावस्था के दौरान उच्च बीपी की रोकथाम

गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए इन बातों पर ध्यान देना जरूरी है:

  • स्वस्थ आहार खाएं। इसके लिए आप ऊपर बताए गई डैश डाइट को शामिल कर सकते हैं(9),(10)
  • फिजिकल एक्टिविटी करें।
  • धूम्रपान न करें।
  • शराब का सेवन न करें।
  • नमक का कम सेवन करें।
  • डॉक्टर की सलाह पर ब्रीथिंग एक्सरसाइज की जा सकती है।
  • इसके अलावा, डॉक्टरी परामर्श और विशेषज्ञ की देखरेख में बीपी कंट्रोल के लिए योग किया जा सकता है।

प्रेगनेंसी में हाई बीपी की रोकथाम के बाद नीचे जानिए गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप के लिए घरेलू उपचार।

गर्भावस्था के दौरान उच्च बीपी के लिए घरेलू उपचार

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए निम्लिखित घरेलू उपचारों को भी शामिल किया जा सकता है। ध्यान रहे कि अगर रक्तचाप कम नहीं हो रहा है, तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नीचे जानिए प्रेंगनेंसी में हाई बीपी के उपचार के लिए चुनिंदा घरेलू नुस्खे :

  1. लहसुन –लहसुन का इस्तेमाल रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। यह एस-एल सिस्टीन नामक बायोएक्टिव सल्फर कंपाउंड से समृद्ध होता है, जो हाई बीपी के लिए लाभदायक माना जाता है(12)। इसके लिए एक चम्मच शहद के साथ एक लहसुन की कली ली जा सकती है। लहसुन गर्म होता है, इसलिए इस उपाय को करने से पहले एक बार डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
  1. शहद –गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए आप शहद का सेवन कर सकते हैं।अजवाइन के पत्तों के साथ दिन में तीन बार शहद का सेवन हाई बीपी को नियंत्रित कर सकता है(13)इसका सेवन भी डॉक्टर से पूछकर ही करें।
  1. नारियल पानी –गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नारियल पानी का सेवन किया जा सकता है(14)। यह एक गुणकारी पेय है, जो गर्भावस्था के दौरान महिला को विभिन्न प्रकार की समस्याओं के लिए दिया जा सकता है(15)
  1. टमाटर का जूस –गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए गर्भवती महिला को टमाटर का जूस दिया जा सकता है। इसे रक्तचाप के विरुद्ध एक वैकल्पिक उपचार माना जा सकता है(16)
  1. आंवला –गर्भावस्था में हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने के लिए आवंला के जूस का सेवन किया जा सकता है(17)। यह एक गुणकारी पदार्थ है, जिसका सेवन एक गर्भवती महिला कर सकती है(18)
  1. तरबूज –गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए तरबूज का जूस पिया जा सकता है। यह एल-साइट्रूलाइन और एल-आर्जिनिन नामक एमिनो एसिड से समृद्ध होता है, जिससे हाई बीपी पर काबू पाया जा सकता है(19)। यह एक गुणकारी फल है, जिसका सेवन एक गर्भवती महिला कर सकती है(20)
  1. नींबू पानी –गर्भावस्था में नींबू पानी रक्तचाप को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। यह एक कारगर वैकल्पिक उपचार हो सकता है(21)। प्रेगनेंसी में नींबू पानी को सुरक्षित माना जा सकता है, क्योंकि इसका सेवन गर्भावस्था में मतली और उल्टी को रोकने के लिए किया जाता है(22)
  1. गाजर – गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए गाजर का उपाय किया जा सकता है।यह पोटैशियम और बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है, जो हाई बीपी को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। यह एक सुरक्षित खाद्य पदार्थ है, जिसे गर्भावस्था के दौरान लिया जा सकता है(23),(24)
  1. केला –प्रेगनेंसी में उच्च रक्तचाप पर काबू पाने के लिए केले का सेवन किया जा सकता है। केला पोटैशियम से भरपूर होता है, जो हाई बीपी को नियंत्रित कर सकता है(25),(26)
  1. दालचीनी –रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दालचीनी का उपाय भी किया जा सकता है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, सिनामाल्डिहाइड व सिनेमिक जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हाईबीपी को कम करने का काम कर सकते हैं(27)। गर्भावस्था में महिला को दालचीनी का सेवन कराया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या मैं गर्भावस्था के दौरान हाई बीपी के लिए दवाओं का उपयोग कर सकती हूं?

हां, आप डॉक्टरी परामर्श पर एंटी हाइपरटेंसिव दवाई ले सकती हैं(7)

क्या उच्च रक्तचाप का शिशु के जन्म पर असर पड़ेगा?

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप मां से साथ-साथ शिशु के स्वास्थ्य व विकास के लिए बाधा बन सकता है। गंभीर स्थिति में समय से पहले डिलीवरी हो सकती है या जन्म के समय शिशु का वजन कम हो सकता है(11)

क्या बच्चे के जन्म के बाद मेरा रक्तचाप सामान्य हो जाएगा?

डिलीवरी के बाद उच्च रक्तचाप (प्रीक्लेमसिया) छह हफ्तों बाद चला जाना चाहिए, लेकिन हाई बीपी कब तक जा सकता है, यह महिला की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है(8)

गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप प्रीक्लेम्पसिया जैसे विकारों का कारण न बनें, इसलिए जरूरी है कि आप लेख में बताई गई जानकारियों को गंभीरता से लें। प्रेगनेंसी के दौरान अगर हाई बीपी के लक्षण दिखते हैं, तो घबराएं नहीं, जांच के लिए डॉक्टर के पास जाएं। रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए लेख में बताए गए आहार और घरेलू नुस्खों को अपनाएं। हम उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

References:

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2.High Blood Pressure in Pregnancyby Medlineplus
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5.Signs And Symptoms Of Mild And Severe Pregnancy Induced Hypertensionby library.med.utah
6.Hypertensive Disorders of Pregnancyby NCBI
7.Management of pregnancy with chronic hypertensionby NCBI
8.What are the treatments for preeclampsia, eclampsia, & HELLP syndrome?By nichd
9.The effect of DASH diet on pregnancy outcomes in gestational diabetes: a randomized controlled clinical trial.by NCBI
10.Your Guide to Lowering Blood Pressureby NHLBI
11.High Blood Pressure During Pregnancyby CDC
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15.Effect Of Consuming Tomato (Lycopersium Commune) Juice In Lowering Blood Pressure In Pregnant Mothers With Hypertensionby Researchgate
16.A comparative clinical study of hypolipidemic efficacy of Amla (Emblica officinalis) with 3-hydroxy-3-methylglutaryl-coenzyme-A reductase inhibitor simvastatinby NCBI
17.Healthy Dietby NHP
18.Chowing down on watermelon could lower blood pressureby FSU
19.201 Organic Smoothies and Juices for a Healthy Pregnancy: Nutrient-Richby Google books
20.Lemon juice as an alternative therapy in hypertension in Turkey.by NCBI
21.Is it morning sickness–or something worse?by Researchgate
22.Drinking carrot juice increases total antioxidant status and decreases lipid peroxidation in adultsby NCBI
23.Carrotsby Betterhealth
24.Potassium lowers blood pressureby Harvard Health.
25.Consumption habits of pregnant women and implications for developmental biology: a survey of predominantly Hispanic women in Californiaby NCBI
26..Effect of short-term administration of cinnamon on blood pressure in patients with prediabetes and type 2 diabetes.by NCBI
27.Herbal Medicines Use During Pregnancy: A Review from the Middle Eastby NCBI
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